राजनीतिक संवाददाता द्वारा
रांची,झारखंड में इस समय कांग्रेस सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। कुल 18 विधायकों वाली कांग्रेस पार्टी के 14 विधायक ऐसे हैं जो पाला बदलने की तैयारी में थे। ऐसे में हेमंत सोरेन सरकार के लिए खतरे की भी घंटी बताई जा रही है। अगर कांग्रेस के तीन विधायक बंगाल के हावड़ा में गिरफ्तार नहीं होते तो 5 अगस्त को झारखंड में सत्ता परिवर्तन की पटकथा लिखी जा चुकी थी। यह विधायक असम के गुवाहाटी में सौदेबाजी कर रहे थे। वहीं से झारखंड में नई सरकार की पटकथा लिखी जा रही थी। विधायकों के पकड़े जाने के बाद अब आपरेशन झारखंड पर विराम लग गया है। लेकिन यह स्थाई विराम नहीं है। हर दिन जिस तरह से नए नए खुलासे हो रहे हैं, उससे यह तय माना जा रहा कि कांग्रेस में बड़ी टूट हो सकती है। यह टूट हेमंत सोरेन सरकार का भविष्य तय करेगी।
नई जानकारी के मुताबिक, पश्चिम बंगाल के हावड़ा में कांग्रेस के तीन विधायकों के 49 लाख नकद के साथ पकड़े जाने के बाद अब पार्टी उन विधायकों का हिसाब-किताब जुटाने में लग गई है जो किसी ना किसी बहाने से गुवाहाटी का चक्कर लगाया करते थे। इसमें से कई विधायक दांत और आंख दर्द का इलाज कराने के नाम पर नई दिल्ली गए। फिर वहां से गुवाहाटी का चक्कर लगा आए। कांग्रेस आलाकमान सोनिया गांधी तक ऐसे सभी विधायकों के नाम की सूची पहुंच गई है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, ऐसे विधायकों की संख्या एक-दो नहीं, बल्कि 14 के करीब है। कुल 18 विधायकों में से 14 विधायकों के नाम इस सूची में शामिल होने की बात कही जा रही है। यही कारण है कि विक्षुब्ध कांग्रेसी नेता बहुत ही विश्वास के साथ अपनी बात कह जाते थे। कांग्रेस में नाराज विधायकों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ती गई और इसका एक अहम कारण रहा केंद्रीय नेतृत्व का ढीला रवैया। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय ने शुरू में तो सख्ती दिखाई, लेकिन देखते-देखते उनकी पकड़ ढीली पड़ती गई। विधायक उन्हें सूचित किए बगैर कहीं भी चले जाते थे।
बाद में यह पता चलता कि कौन-सा विधायक गुवाहाटी से लौटा है। कांग्रेस आलाकमान तक ऐसे विधायकों की जो सूची पहुंची है उनमें दो मंत्रियों के भी नाम हैं। इसके अलावा चार में से दो महिला विधायक भी गुवाहाटी का चक्कर लगा चुकी हैं। इनमें से एक तो अपने पिता को बेल दिलाने के लिए वकील से मिलने जाने की बात कहकर नई दिल्ली जाती थीं और फिर वहां से गुवाहाटी का फ्लाइट पकड़ लेती थीं। अब पूरी रिपोर्ट कांग्रेस के साथ-साथ झामुमो के पास भी है।
पार्टी के एक पूर्व प्रदेश प्रभारी अभी हाल में ही भाजपा में शामिल हुए हैं और अब उनका नाम भी सामने आ रहा है कांग्रेस के विक्षुब्धों के लिए भाजपा नेताओं के साथ मीटिंग कराने वाले लोगों में। ना सिर्फ मीटिंग बल्कि यात्रा की शुरुआत से अंत तक के सभी इंतजाम उनकी नजरों से होकर गुजरता था। कांग्रेस में रहते हुए दिल्ली में अपनी पहुंच के बूते उक्त प्रभारी मुकदमों में उलझे कांग्रेस आलाकमान की नजरों से ऐसे विधायकों को दूर रखते थे।
उधर, कांग्रेस की ओर से तीन विधायकों पर प्राथमिकी दर्ज कराने वाले विधायक अनूप सिंह भी अब शक के दायरे में आ गए हैं। असम के एक विधायक ने फोटो वायरल करते हुए कहा है कि गुवाहाटी में भाजपा मुख्यमंत्री से भेंट करने वालों में अनूप सिंह भी शामिल थे। इस खुलासे के बाद अनूप सिंह पार्टी आलाकमान की नजर में शक के दायरे में आ गए हैं। पार्टी पर यह दबाव पड़ने लगा है कि अनूप सिंह दोनों तरफ से गेम कर रहे हैं। इसलिए पार्टी से उन्हें निकाला जाए। मालूम हो कि रुपयों के साथ पकड़े जाने पर विधायकों के खिलाफ अनूप सिंह ने ही रांची के थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है। उन्होंने ही खुलासा किया था कि गुवाहाटी में भाजपा के मुख्यमंत्री से कांग्रेस के ये विधायक संपर्क में थे। इनका मकसद झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार को अपदस्थ करना था।